Bahut mehngi hui ab to wafa,
log kaha milte hai, jo sachcha pyar kare,
mohabbat to ban gai hai ab saza,
ashiq kaha milte hai, jo sang-sang ishq ka dariya paar kare..
बहुत महँगी हुई अब तो वफा..
लोग कहाँ मिलते हैं, जो सच्चा प्यार करें
मोहब्बत तो बन गई है अब सजा..
आशिक कहाँ मिलते हैं, जो संग-संग इश्क का दरिया पार करें..